बोस्टन। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी दो दिन के अमेरिका दौरे पर हैं। जैसा सोचा जा रहा था कि राहुल एक बार फिर विदेशी जमीन से देश की मोदी सरकार और देश के आतंरिक मुद्दों पर बोलेंगे, वैसा ही हुआ। उन्होंने बोस्टन में ब्राउन यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एक सत्र में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने पिछले साल हुए महाराष्ट्र चुनाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने देश की चुनाव प्रणाली और निर्वाचन का आयोग की मंशा को कटघरे में खड़ा किया।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेता ने छात्रों से कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में युवा मतदाताओं की संख्या से ज्यादा मतदान हुआ। यह एक तथ्य है। चुनाव आयोग ने हमें शाम 5.30 बजे तक के मतदान के आंकड़े दिए। शाम 5:30 से 7:30 बजे के बीच जब वोटिंग बंद हो जानी चाहिए थी, 65 लाख मतदाताओं ने मतदान किया। अब ऐसा होना संभव नहीं है। दरअसल, एक मतदाता को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने में लगभग 3 मिनट लगते हैं। अगर आप हिसाब लगाएंगे तो इसका मतलब यह होगा कि रात 2 बजे तक मतदाताओं की कतारें लगी रहीं। वे पूरी रात मतदान करते रहे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।’
‘चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है’
राहुल ने कहा कि चुनाव आयोग से हमने वीडियो मांगे, क्योंकि आयोग वीडियोग्राफी कराता है। हमारे मांगने के बाद उन्होंने सिर्फ हमारी अपील खारिज ही नहीं की बल्कि नियमों को ही बदल दिया। ऐसे में साफ पता चलता है कि चुनाव आयोग में सबकुछ ठीक है। कामकाज में समझौता किया जा रहा है। हमने सार्वजनिक मंचों से कई बार महाराष्ट्र चुनाव को लेकर सवाल उठाए हैं। धांधली उजागर की है, लेकिन किसी को कोई परवाह नहीं है।
हाल के महीनों में राहुल की अमेरिका की दूसरी यात्रा
हाल के महीनों में यह राहुल गांधी की अमेरिका की दूसरी यात्रा है। इससे पहले सितंबर 2024 में राहुल गांधी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा की थी। अपनी यात्रा के दौरान वे डलास गए थे, जहां उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत की थी और भारतीय प्रवासियों के सदस्यों को संबोधित किया था। डलास से राहुल वाशिंगटन डीसी गए, जहां उन्होंने जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत की थी। लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने के बाद राहुल गांधी की यह पहली अमेरिका यात्रा थी।
पिछले दौरे के बयानों ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था
राहुल गांधी की पिछली यात्रा ने भारत में आरक्षण प्रणाली को खत्म करने के बारे में उनकी टिप्पणी के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जब देश एक निष्पक्ष स्थान बन जाएगा तो भारत में आरक्षण प्रणाली को समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने जाति जनगणना की आवश्यकता पर भी जोर दिया था। उन्होंने तर्क दिया था कि देश की 90 प्रतिशत आबादी ओबीसी, दलित और आदिवासी है। उसे पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। जब हम संस्थानों, व्यवसायों और मीडिया पर कब्जे की बात करते हैं, तो भारत के 90 प्रतिशत ओबीसी, दलित, आदिवासी खेल का हिस्सा ही नहीं हैं।